December 11, 2024
dhyan chand biography in hindi

मेजर ध्यान चंद्र जी का जीवन परिचय | about dhyan chand in hindi

नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद्र के बारे में और ध्यानचंद्र जी को हॉकी खेल की ओर रुझान कैसे हुआ इसके बारे में बताने वाले हैं। हॉकी खिलाड़ी में से मेजर ध्यानचंद को सबसे महान खिलाड़ी माना जाता है। सन 1928 ,1932 और 1936 के ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जिताने में मेजर ध्यान चंद्र का महत्वपूर्ण भूमिका था। मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। सन 1928 के एम्सटर्डमओलंपिक में मेजर ध्यान चंद्र गोल करने वाले प्रमुख खिलाड़ी थे। इन्होंने हॉकी के एक मैच में 14 गोल किए थे तभी से इन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाने लगा।

मेजर ध्यान चंद्र जी का जीवन परिचय | dhyan chand biography in hindi

major dhyan chand ka janm kab hua tha
मेजर ध्यानचंद का जीवन परिचय | major dhyan chand history in hindi
जीवन परिचय बिंदु ध्यानचंद जीवन परिचय
पूरा नाम ध्यानचंद
अन्य नाम द विज़ार्ड, हॉकी विज़ार्ड, चाँद, हॉकी का जादूगर
पेशा भारतीय हॉकी खिलाड़ी
प्रसिद्ध विश्व के सबसे अच्छे हॉकी खिलाड़ी
जन्म 29 अगस्त 1905
जन्म स्थान इलाहबाद, उत्तरप्रदेश
गृहनगर झांसी, उत्तरप्रदेश, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म हिन्दू
जाति राजपूत
हाइट 5 फीट 7 इंच
वेट 70 किलोग्राम
प्लेयिंग पोजीशन फॉरवर्ड
भारत के लिए खेले 1926 से 1948 तक
अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू न्यूज़िलैंड टूर सन 1926 में
घरेलू / राज्य टीम झाँसी हीरोज
मैदान में व्यवहार एनर्जेटिक
कोच / मेंटर सूबेदार – मेजर भोले तिवारी (पहले मेंटर)
पंकज गुप्ता (पहला कोच)
सर्विस / ब्रांच ब्रिटिश इंडियन आर्मी एवं इंडियन आर्मी
सर्विस ईयर सन 1921 – सन 1956
यूनिट पंजाब रेजिमेंट
मृत्यु 3 दिसम्बर 1979
मृत्यु स्थान दिल्ली, भारत
मृत्यु का कारण लिवर कैंसर
ज्वाइन्ड आर्मी सिपोय (सन 1922)
रिटायर्ड मेजर (सन 1956)

मेजर ध्यान चंद्र जी का जन्म 19 अगस्त सन 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था। मेजर ध्यान चंद्र जी का असली नाम ध्यान सिंह था।यह एक राजपूत परिवार में जन्म लिए थे। मेजर ध्यान चंद्र जी के पिता का नाम सूबेदार सोमेश्वर दत्त सिंह और माता का नाम जानकी देवी था। मेजर ध्यान चंद्र जी के दो भाई हवलदार मूल सिंह और रूप सिंह थे। इनके पिताजी ब्रिटिश भारतीय सेना में सिपाही थे।

मेजर ध्यान चंद्र जी की शिक्षा क्या थी

मेजर ध्यान चंद्र के पिता सेना में थे और उनको बार-बार इधर-उधर ट्रांसफर किया जाता था जिसके वजह से मेजर ध्यान चंद्र की शिक्षा पूरी तरह से नहीं हो पाई और यह कक्षा 6 तक ही पढ़ पाए। बाद में इनका पूरा परिवार उत्तर प्रदेश के झांसी शहर में बस गया।

मेजर ध्यान चंद्र जी ने पहला हॉकी मैच कब खेला था?

मेजर ध्यान चंद्र जी का हॉकी खेल में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी। इनको कुश्ती करना बहुत पसंद था और इनका पसंदीता खेल भी कुश्ती था। इन्होंने अपने दोस्तों के साथ हाथी खेलना शुरू किया वह भी पेड़ के शाखाओ से जो उन्हें हाकी स्टिक बनाकर खेलते थे।

मेजर ध्यान चंद्र जी 14 वर्ष के जब थे तब उन्होंने अपने पिता के साथ भारतीय सैनिकों का एक हॉकी मैच देखने गए थे। जोकि एक टीम दो गोल से हार रही थी मेजर ध्यान चंद्र जी ने अपने पिताजी से कहा कि मैं हारने वाली टीम की ओर से खेलना चाहता हूं। इसके लिए उनके पिताजी ने उन्हें हां भी बोल दिया।

मेजर ध्यानचंद ने हारने वाली टीम की ओर से 4 गोल कर दिए। इनके खेल को देखकर वहां बैठे बड़े बड़े अफसर भी हैरान हो गए। उनके इस खेल को देखकर एक बड़े अधिकारी ने उन्हें सेना में शामिल कर लिया। 16 साल की उम्र में मेजर ध्यान चंद्र जी को साल 1922 में एक सिपाही के रूप में शामिल किया गया था।

मेजर ध्यान चंद्र जी का हॉकी खेल की शुरुआत कब हुई?

मेजर ध्यान चंद्र जी ने अपना पहला नेशनल हाकी टूर्नामेंट सन 1925 में खेला था। सन 1925 के इस प्रयोगिता में पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजपूताना, बंगाल और मध्य भारत की हॉकी टीम ने इस प्रयोगिता में हिस्सा लिया था।

मेजर ध्यान चंद्र जी ने इस प्रयोगिता में बहुत शानदार खेला जिसे देखते हुए उनका चयन अंतर्राष्ट्रीय भारतीय हॉकी टीम में हो गया। मेजर ध्यान चंद्र जी हॉकी खेल के खिलाड़ी में से एक महान खिलाड़ी माने जाते थे। इनको हॉकी विजाई के नाम से भी जाना जाता है।

यह पहचान इनको एक मैच के दौरान मिला था। ध्यानचंद जी ने एक मैच में चार अंतिम मिनट में 3 गोल किए। इस मैच में उनकी टीम दो गोल से हार रही थी लेकिन इनके तीन गोल के कारण इनकी टीम जीत गई। इसी मैच के बाद इनको हॉकी विजाई के नाम से जाना जाने लगा।

मेजर ध्यान चंद्र जी को हॉकी खेल की ओर रुझान कैसे हुआ?

मैंने पहले ही आपको बताया है कि इनका पसंदीता खेल कुश्ती हुआ करता था लेकिन जब इन्होंने सन 1932 में लास एंजिल्स ओलंपिक में भारत ने अमेरिका को 24 – 1 से हराया तब से इसका  रुझान पूरी तरह से हॉकी खेल की ओर हो गया। इन्होंने इस ओलंपिक में 4 मैचों में 23 गोल किए थे।

major dhyan chand caste
मेजर ध्यानचंद का परिवार | major dhyan chand biography in hindi pdf
  • मेजर ध्यान चंद्र जी के रिकॉर्ड क्या है?
  • मेजर ध्यान चंद्र जी ने अपने कैरियर में कुल 1000 गोल कर चुके थे।
  •  इनमें से 400 गोल अंतरराष्ट्रीय मैचों में किए थे।
  • मेजर ध्यान चंद्र जी के नाम तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक है।
  • मेजर ध्यान चंद्र जी सन 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में 14 गोल करने वाले प्रमुख खिलाड़ी थे।
  • ध्यान चंद्र जी ने सन 1935 के न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे में 43 मैचों में 201 गोल किए थे जो कि अभी तक एक विश्व रिकॉर्ड है।

मेजर ध्यान चंद्र जी की मृत्यु

ध्यानचंद के आखिरी दिन अच्छे नहीं रहे। ओलिंपिक मैच में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने के बावजूद भारत देश उन्हें भूल गया. आखिरी दिनों में उनके पास पैसों की भी कमी हो गई थी। उन्हें लीवर में कैंसर था, उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती कराया गया था. 3 दिसंबर 1979 को उनका निधन हो गया।

निष्कर्ष

दोस्तों आशा है कि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी मेजर ध्यानचंद का जीवन परिचय ,उनका शिक्षा क्या था और उनको हॉकी खेल की ओर रुझान कैसे हुआ (biography of major dhyan chand in hindi) यह सारी जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित कोई भी सवाल हो तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *